रोये हम इस कदर उनके सीने से लिपट कर; वाह वाह! रोये हम इस कदर उनके सीने से लिपट कर; कि वोह खुद अपनी कमीज़ उतारकर बोली; ले चूस ले कमीने, फालतू में नाटक मत कर!
जैसे फूली हुई रोटी कच्ची नहीं होती, वैसे ही ब्रा पहनी हुई लड़की कभी बच्ची नहीं होती, और जैसे मगरमच्छ के आंसू कभी सच्चे नहीं होते, वैसे मुंह में L*ND देने से बच्चे नहीं होते.