निप्पल से टपक रहा पसीना; निप्पल से टपक रहा पसीना; भीगी हुई गांड और लथपथ सीना; अब तुम्हीं बताओ 'ग़ालिब'; इतनी गर्मी में कोई कैसे ठोके हसीना?
άνδρας (34) από Bhopal, India ψάχνει γυναίκα.
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कितना अधूरा लगता है...जब बादल हो और बारीश ना हो; जब जिंदगी हो और प्यार ना हो; आंखें हो पर ख्वाब ना हो; जब खड़ा हो और जुगाड़ ना हो।
रोये हम इस कदर उनके सीने से लिपट कर; वाह वाह! रोये हम इस कदर उनके सीने से लिपट कर; कि वोह खुद अपनी कमीज़ उतारकर बोली; ले चूस ले कमीने, फालतू में नाटक मत कर!
ब्रा खोलो तो शकालका बूम बूम, पैंटी खोलो तो खुलजा सिम सिम, अंदर डालो तो क्या मस्ती क्या धूम-धूम, बाहर निकालो तो ठंडा-ठंडा झिम झिम.
जैसे फूली हुई रोटी कच्ची नहीं होती, वैसे ही ब्रा पहनी हुई लड़की कभी बच्ची नहीं होती, और जैसे मगरमच्छ के आंसू कभी सच्चे नहीं होते, वैसे मुंह में L*ND देने से बच्चे नहीं होते.